इस्लामाबाद 7 सितम्बर 2012 (एशिया न्यूज) एशिया समाचार सेवा ने बताया कि पाकिस्तान के
इस्लामाबाद की एक अदालत ने ईशनिन्दा के झूठे आरोप में कैद की गयी मानसिक रूप से कमजोर
नाबालिग रिमसा मसीह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय सौहार्द के लिए
गठित मंत्रालय में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकर मंत्री पौल भट्टी ने एशिया समाचार
से रिमसा मसीह की रिहाई के समाचार की पुष्टि करते हुए कहा कि पूरे पाकिस्तानी समुदाय,
ईसाई और गैर ईसाई सभी के लिए यह खुशी और संतोष की बात है क्योंकि न्याय किया गया है।
उन्होंने कहा कि रिमसा मसीह को लगभग 4 हजार यूरो की जमानत पर रिहा किया जायेगा। वह राष्ट्रीय
सौहार्द के लिए गठित मंत्रालय और एपीएमए एसोसियेशन ओल पाकिस्तान माइनोरिटी एलायंस के
वकीलों के संरक्षण में रहेगी। एपीएमए की स्थापना अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री स्वर्गीय
शाहबाज भटटी ने की थी जिनकी इस्लामिक चरमपंथियों ने मार्च 2011 में हत्या कर दी। रिमसा
मसीह को जमानत दिये जाने की सूचना पर प्रतिक्रिया करते हुए मंत्री पौल भट्टी ने कहा कि
कठिन मेहनत के द्वारा न्याय किया गया है। तनावों और दंगों से बचने के लिए परदे के पीछे
बहुत काम किया गया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय, इस्लामाबाद में सरकार, उलेमा तथा मुसलमान
धार्मिक नेताओं का काम और योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा जिन्होंने शांति बनाये रखने और
सत्य की खोज के लिए हर संभव उपाय किया। उन्होंने पुलिस और अनुसंधानकर्ताओं, विशेष
रूप से इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख को विशेष धन्यवाद दिया जिन्होंने मामले की सच्चाई
को सामने लाने के लिए कठिन मेहनत की। मंत्री पौल भट्टी ने कहा कि इस मामले में सकारात्मक
परिणाम ने पाकिस्तान और इस्लाम को सकारात्मक छवि दी है तथा ईशनिन्दा कानून के संभावित
दुरूपयोग को दूर किया है। उन्होंने कहा कि ईशनिन्दा मामले के बाद कुद्ध भीड़ द्वारा किये
जानेवाले हमले और दंगे से बचने के लिए पलायन किये सैकडों ईसाई परिवारों को अब अपने घरों
में बसाने की समस्या को दूर करना है। कुछ लोग अपने घरों में लौट गये हैं। हम सम्पूर्ण
समुदाय को उनके मूल आवास के समीप के क्षेत्रों में या फिर लाहौर महाधर्मप्रांत के द्वारा
उपलब्ध कराये गये क्षेत्र में पुर्नवास के लिए काम कर रहे हैं।